एक जज़्बात के लिए...
- Miss Bhawooq
- Feb 22
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एक जज़्बात के लिए
ग़म का एक नया स्वाद चखने लगी हूँ
एक एहसास के लिए
तमाम दोस्तों से बिछड़ने लगी हूँ
एक तमन्ना के लिए
हज़ारों ख़्वाहिशों को क़ुर्बान करने लगी हूँ
एक तेरे साथ के लिए
पूरी दुनिया से दूर होने लगी हूँ
दूर होने लगी हूँ...
दूर होने लगी हूँ...
दूर होने लगी हूँ...