रिश्तों की सच्ची दौलत
- Miss Bhawooq
- Jul 26
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इंसान की क़ीमत साँसों से नहीं, यादों से आँकी जाती है।
ज़िंदगी में भले न समझे कोई,
मगर मौत बता देती है
किसने कितने दिलों पर हक़ जमाया था।
तेरहवीं की भीड़ नहीं,
दुआओं की गिनती बताती है —
कितना अमीर था वो इंसान के वक़्त के रिश्तों में।




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